ओम प्रकाश वर्मा ।
तारुन अयोध्या।
किसानों के खेत में गन्ना रहने तक मिल बंद ना होने के सरकार के आदेश के बाद भी गन्ना मील प्रबंधन द्वारा किसानों के खेतों में गन्ना रहते हुऐ किसानों के मोबाइल पर मील बंद करने की चेतावनी दे कर किसानों की बेचैनी बढ़ा दी है।
केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही किसान के हित की दुहाई देती फिर रही हो लेकिन पूंजी पतियों के आगे सरकार नतमस्तक नजर आ रही है। लगभग 4 माह पूर्व केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि जब तक किसानों का गन्ना खेत में खड़ा रहेगा। तब तक शुगर मिल प्रबंधन मिल को बंद नहीं करेंगा ।लेकिन सरकारों का यह फरमान भी हवा हवाई साबित हो रहा है। के एम शुगर मिल मसौधा प्रबंध द्वारा 12 अप्रैल को किसानों की मोबाइल पर मैसेज भेज कर 18 अप्रैल को मिल बंद करने की चेतावनी दे दिया है। मिल प्रबंध के इस चेतावनी से उन किसानों के होश उड़ गए हैं। जिनको समय से गन्ना बेचने के लिए मिल द्वारा पर्ची नहीं मिली।आज भी उनके खेतों में कड़ी मेहनत बड़ी लागत लगाकर तैयार की गयी गन्ने की फसले बर्बाद होने को तैयार है।
जिले के किसानों में हाहाकार मचा हुआ है क्षेत्र के गन्ना किसानों की पूजी अभी खेतों में खड़ी है क्षेत्र के अधिकांश किसान के खेत में लगभग दो से तीन ट्राली गन्ना खेतो में खड़ा है मिल के आदेशानुसार क्षेत्र का किसान 6 दिन मे अपने गन्ने की छिलाई करके मिल पहुंचाने में असमर्थ दिखाई पड़ रहा है। क्षेत्र के हरिपुर परसाव महोला भीखीपुर झलिहा भवानीपुर कनकपुर झगरौली बासदेवपुर सुल्हेपुर गुन्नौर उमरनी पिपरी आदि गांव में किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा है। क्षेत्र का किसान इस शासन में अपने आप को ठगा ठगा महसूस कर रहा है।तथा सरकार एवं मील प्रबंधन के इस कदम से गन्ना किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
तारुन अयोध्या।
किसानों के खेत में गन्ना रहने तक मिल बंद ना होने के सरकार के आदेश के बाद भी गन्ना मील प्रबंधन द्वारा किसानों के खेतों में गन्ना रहते हुऐ किसानों के मोबाइल पर मील बंद करने की चेतावनी दे कर किसानों की बेचैनी बढ़ा दी है।
केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही किसान के हित की दुहाई देती फिर रही हो लेकिन पूंजी पतियों के आगे सरकार नतमस्तक नजर आ रही है। लगभग 4 माह पूर्व केंद्र व प्रदेश सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि जब तक किसानों का गन्ना खेत में खड़ा रहेगा। तब तक शुगर मिल प्रबंधन मिल को बंद नहीं करेंगा ।लेकिन सरकारों का यह फरमान भी हवा हवाई साबित हो रहा है। के एम शुगर मिल मसौधा प्रबंध द्वारा 12 अप्रैल को किसानों की मोबाइल पर मैसेज भेज कर 18 अप्रैल को मिल बंद करने की चेतावनी दे दिया है। मिल प्रबंध के इस चेतावनी से उन किसानों के होश उड़ गए हैं। जिनको समय से गन्ना बेचने के लिए मिल द्वारा पर्ची नहीं मिली।आज भी उनके खेतों में कड़ी मेहनत बड़ी लागत लगाकर तैयार की गयी गन्ने की फसले बर्बाद होने को तैयार है।
जिले के किसानों में हाहाकार मचा हुआ है क्षेत्र के गन्ना किसानों की पूजी अभी खेतों में खड़ी है क्षेत्र के अधिकांश किसान के खेत में लगभग दो से तीन ट्राली गन्ना खेतो में खड़ा है मिल के आदेशानुसार क्षेत्र का किसान 6 दिन मे अपने गन्ने की छिलाई करके मिल पहुंचाने में असमर्थ दिखाई पड़ रहा है। क्षेत्र के हरिपुर परसाव महोला भीखीपुर झलिहा भवानीपुर कनकपुर झगरौली बासदेवपुर सुल्हेपुर गुन्नौर उमरनी पिपरी आदि गांव में किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा है। क्षेत्र का किसान इस शासन में अपने आप को ठगा ठगा महसूस कर रहा है।तथा सरकार एवं मील प्रबंधन के इस कदम से गन्ना किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है।
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